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Tuesday, August 31, 2010

Tears.....ਅੱਥਰੂ......आँसू



Tears
Threaten to spill over
Don't let them
Because no one can see
The pain
Agony you go through every day
But one slips out
And they see
They approach
They console
They listen
Some understand
Some don't
But they try
And that's all that matter
They help you find a solution
You find you are normal
You will survive

Supreet Kaur Sandhu

ਅੱਥਰੂ
ਅੱਥਰੂ ਛਲਕਣ ਨੂੰ ਆਏ
ਛਲਕਣ ਨਾ ਦੇਣਾ
ਕੋਈ ਨਾ ਵੇਖੇ
ਦਰਦ ਤੇਰਾ
ਤੇ ਓਹ ਪੀੜਾ
ਜਿਹੜੀ ਸਹੀ ਤੂੰ ਰਾਤ ਦਿਨ
ਪਰ........
ਰੋਕੇ ਨਾ ਰੁਕਦੇ
ਅੱਥਰੂ ਛਲਕ ਪੈਂਦੇ
ਤੇ ਓਹਨਾਂ ਵੇਖ ਲਏ.....
ਦਰਦ ਵੰਡਾਉਣ
ਆਏ ਕੋਲ਼
ਕੁਝ ਨੇ ਸਮਝਿਆ
ਬਹੁਤੇ ਰਹੇ ਬੇਸਮਝ
ਦਰਦ ਤੇਰੇ ਤੋਂ
ਪਰ ਇੱਕ ਕੀਤੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼....
ਬਸ ਏਸੇ ਦੀ ਸੀ ਜ਼ਰੂਰਤ
ਤੇਰੀ ਉਲਝਣ ਸੁਲਝਾਉਣ ਲਈ
ਰਲ਼ ਕੇ ਹੱਲ ਲੱਭਿਆ ਕੋਈ
ਤੇ ਤੂੰ ਫੇਰ ਸਾਵੀਂ ਹੋਈ......
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਫੇਰ ਰਾਹੇ ਪਈ !!!
ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਸੰਧੂ 
ਅਨੁਵਾਦ ( ਹਰਦੀਪ ਸੰਧੂ)
आँसू
छलकने को आएँ आँसू
छलकने मत देना
कोई न देखता
दर्द तुम्हारा
और वो पीड़ा......
सहन किया जिसे 
तुमने  रात-दिन
पर........
रोकने से न रुकते
आँसू छलक पड़े
और उन्हें देख लिए....
दर्द बाँटने
चले आए वो.....
कुछ समझे
कुछ  नहीं  समझ पाए
दर्द तेरे से......
मगर की एक कोश्शि
जिस की थी ज़रूरत
तेरी उलझन सुलझाने की  
मिलकर हल ढूँढा कोई
और तू फिर सामान्य हुई
ज़िन्दगी फिर से चल पड़ी !!!!
सुप्रीत कौर संधु
( अनुवाद: हरदीप कौर संधु)

11 comments:

  1. हृदय को छू लेने वाली कविता लिखकर सुप्रीत ने मन खुश कर दिया । ईश्वर करे काव्य के गगन पर सुप्रीत का नाम लगातार रौशनी फैलाता रहे ।और यह आंसू भरी आँख किसकी है ? सुप्रीत की तो नहीं? कविता की आधी बात तो चित्र ही कह देते हैं ।

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  2. इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी-बड़ी बातें, वह भी कविता में !.............थोड़े दिन बाद बेटा आकाश को छुओगे ..........कदम तुम्हारे बढ़ते रहें यही शुभकामना है .........

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  3. Very touching poem.........wow ! I like it. It has a very deep meaning..........you are a born poet.

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  4. Good morning Supi!!
    i am having ur poem wid my morning tea ;-)
    oh .....so li'l supiz new topic is tear...but i expect laugh..smile...happiness...from u...leave these difficult topics for mom's blog..;-)
    Anyways ur poem is really very good...truelly agreed with ur point of view on tear...for me tear sometimes mean...guilty...oh why i made that mistake ..why i hurted smbdy..or emotional pain when we see smbdy in pain...smtimes it comes on defeat..khushi ke aansu ta hje aye nai...khushi ch ta smile e aundi a ;-)

    wish u all happiness and not even a single tear..keep ur great work up...
    wid love
    Harman Massi

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  5. Supreet Beta, Satsiriakal,

    Bahut sunder kavita likhi hai aansuon ke bare mein, yeh aansu bane hain chalakne ke liye,
    shayad dard ke hamdard hon girte girte man ke bojh ko kam karte hain .... waah waah..... isi tarah naye vichar lekar kavita aur geet bhi likho.

    Dhanyavaad..

    Surinder Ratti
    Mumbai

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  6. बहुत खूबसूरत कविता । और उतना ही सुन्दर अनुवाद ।
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ।

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  7. बहुत सधी हुई सोच को बहुत अच्छे भावों के साथ लिखा है ...सच है दर्द को कोई समझ पता है और कोई नहीं फिर भी उस परिस्थिति से इंसान निकल सहज होता है और ज़िंदगी चल पड़ती है आगे ...

    बहुत सुन्दर ..

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  8. Supreet teri poem tan bahut hi vadhia he. is tran lagda he ke kafi mature bande di
    likhi hoi he.I also read 'Mere Papa da janam din' Rana is lucky that he is having such a
    loving,caring and affectionate daughter.May god bless her te eh istaran hi likhdi rahe.
    Bahut hee pyar naal
    Teri Ravinder massi

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  9. मगर की एक कोश्शि
    जिस की थी ज़रूरत
    तेरी उलझन सुलझाने की
    मिलकर हल ढूँढा कोई
    और तू फिर सामान्य हुई
    ज़िन्दगी फिर से चल पड़ी !!!!


    जिन्दगी में लोग बाधाएँ खड़ी करते हैं ...लेकिन कोई भी बाधा
    जीवन का उत्स समाप्त नहीं कर सकती ।

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  10. ye kavita Taabar Toli ke ank bhi chapi hai.. http://taabartoli.blogspot.com par ap dekhna.. hardik badhaee...

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