Followers


Click here for Myspace Layouts

Tuesday, August 24, 2010

ਰੱਖੜੀ - रक्षाबन्धन













 ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਸੰਧੂ 


बहिना बाँधे
 एक प्यार का धागा
 वीर कलाई
 अनुवाद : हरदीप संधु

4 comments:

  1. सुप्रीत बेटी,जिस प्यार के धागे को बहिन भाई की कलाई पर बाँधती है,वह धागा देखने में तो मज़बूत नहीं होता : लेकिन उसका प्रभाव बहुत मज़बूत और स्थायी होता है । आपने पूरे भाव को अपने हाइकु में संजो दिया है ।बहुत अच्छा लिखा है ।संस्कृत में कहते हैं-मितं च मनोहारी वच: [ कम से कम शब्दों में मनोहर-मन को भले लगने वाले, वचन कहना]।जब फुर्सत मिले , बस ऐसे ही लिखते रहना । -रामेश्वर काम्बोज

    ReplyDelete
  2. सुन्दर हाईकु पर्व पर.

    शाबास! नियमित लिखो.

    रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  3. सुप्रीत बिटिया
    बहुत बहुत प्यार !
    बहुत बहुत आशीर्वाद !

    अपनी मम्मा की तरह ही प्रतिभावान बनो !
    यहां लगी हुई कविता अच्छी है , और भी अच्छा लिखो ।

    अपनी प्यारी सी तस्वीर ब्लॉग पर ज़रूर लगाना ।
    लग जाए तो मुझे मेल करना …
    मैं फिर आऊंगा ।

    राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete