ਅੱਜ ਪਾਪਾ ਦਾ ਜਨਮ ਦਿਨ ਹੈ....ਅੱਜ ਮੈਂ ਇਹ ਬਲਾਗ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਜਾ ਰਹੀ ਹਾਂ।
ਪਾਪਾ ਲਈ ਮੈਂ ਸਕਾਰਫ਼ ਬੁਣਿਆ ਹੈ.... ਮੈਂ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਬੁਣਨਾ ਸਿੱਖਿਆ ਹੈ....
ਪਾਪਾ ਦੇ ਏਸ ਜਨਮ-ਦਿਨ 'ਤੇ
ਹੱਥੀਂ ਬੁਣ ਕੇ .....
ਕੁਝ ਦੇਣਾ ਮਿਥਿਆ
ਓਦਣ ਮੈਂ ਕੁਝ ਬੁਣਨਾ ਸਿੱਖਿਆ
ਇਹ ਸਕਾਰਫ਼...
ਕਿਓਂ ਸੋਹਣਾ ਲੱਗਦਾ
ਉਨ 'ਚ ਬੁਣਿਆ
ਮੋਹ ਦਾ ਧਾਗਾ !!
( ਇਹ ਸਤਰਾਂ ਮੰਮਾ ਨੇ ਮੇਰੇ ਭਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟਾਉਣ ਲਈ ਤੇ ਤੁਸਾਂ ਤੱਕ ਪੰਹੁਚਾਉਣ ਲਈ ਲਿਖੀਆਂ ਨੇ)
Supreet
आज पापा का जन्म दिन है....आज मैं यह ब्लॉग शुरू करने जा रही हूँ।
पापा के लिए मैने एक स्कार्फ बनाया है....मैने पहली बार बुनना सीखा है।
पापा के इस जन्म दिन पर
नन्हे हाथों बुनकर
कुछदेना तय हुआ...
उसी दिन मैने बुनना सीखा
यह स्कार्फ..
क्यों सुन्दर लगता
ऊन में लगा
प्यार का धागा!!!
( यह पंक्तियाँ मम्मा ने मेरे भाव को आप तक पंहुचाने के लिए लिखीं हैं)
Supreet
ਖੁਸ਼ਆਮਦੀਦ ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਬੇਟੇ,ਆਗਾਜ਼ ਐਨਾ ਅੱਛਾ ਹੈ ਤਾਂ ਅੰਜ਼ਾਮ ਵੀ ਬੇਹੱਦ ਅੱਛਾ ਹੋਵੇਗਾ।ਸ਼ੁਭ ਕਾਮਨਾਵਾਂ
ReplyDeleteइससे बड़ा कोई उपहार नहीं हो सकता सुप्रीत ! बाज़ार से खरीदकर दी गई लाखों रुपये की वस्तु भी इसके आगे कुछ नहीं ।भरत ने अपने। हाथों से जो वस्त्र बनाए थे , वे सबसे पहले स्नेह के रूप में सुग्रीव जी को पहनाए थे । तुलसी दास ने इसे इस प्रकार कहा है -
ReplyDeleteसुग्रीवहिं प्रथम पहिराए।
भर वसन निज हाथ बनाए ।
प्रिय सुप्रीत.....सबसे पहले तो आपको ब्लॉग के लिए बधाई...फिर पापा के जन्म दिन की बधाई..फिर पापा के लिए आपने जो स्कार्फ बना कर दिया...उसके लिए बधाई...वाह ! कितना सुन्दर स्कार्फ और कितना सुन्दर रंग...वाह भई वाह...बहुत ही अच्छा लगा... थोड़ी भाषा की प्रोब्लम आ सकती है...आप अंग्रेजी जानते हैं.. और मैं हिंदी...फिर भी काम चलाएंगे...कुछ मैं अंग्रेजी सीखूंगा... और कुछ आप हिंदी सीखना...
ReplyDeleteसुप्रीत !!! आपके नए ब्लॉग के लिए हमारी बधाई ...फिर आपने जो अपने पापा के प्रति प्रेम दिखाने का जो तरीका ढ़ूँढ़ा वह आपके जैसा ही प्यारा है ....फिर आपकी मम्मी भी कितनी रचनाशील हैं...जो आपके इन प्रयासों को हमेशा-हमेशा के लिए शब्दों में बाँध कर इन्हें ब्लॉग के माध्यम से पूरी दुनियाँ में पहुँचा रही हैं । बहुत बढ़िया ...इस कार्य के लिए एक बार फिर से बधाई स्वीकार करें ।
ReplyDeleteDear Supreet
ReplyDeleteBeautiful words you have written about your papa.
ਦਿਲ ਦੀ ਸਦਰਆ ਦਿਲ ਦੇ ਭਾਵ
ਨਿਰਮਲ ਬਚਪਨ ਪ੍ਯਾਰ ਦਾ ਚਾਵ
GOD BLESS U
MAASI
ਬੇਟਾ ਸੁਪ੍ਰੀਤ
ReplyDeleteਬਲਾਗ ਬ੍ਰਹਿਮੰਡ ਵਿਚ ਜੀ ਆਇਆਂ ਨੂੰ। ਤੁਹਾਡੀ ਅਮਗਰੇਜ਼ੀ ਕਵਿਤਾ ਅਤੇ 'ਪਾਪਾ ਦਾ ਸਕਾਰਫ' ਵਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਬਹੁਤ ਚੰਗੇ ਲੱਗੇ। ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਉਮੀਦਾਂ ਹਨ।
ਸ਼ੁਭ ਇਛਾਵਾਂ ਨਾਲ਼
ਨਾਨੂੰ ਅੰਕਲ
ਅਮਰਜੀਤ ਸਾਥੀ
Hi Supreet, just read your amazing poems- all of them. Your scarf is also beautiful... I love knitting too and along with haiku and poems may be we can share knitting patterns too
ReplyDeletebest wishes
-avni
:)
Supreet bete, bahut hi pyara blog shuru keeta hai tussin. tuhadiyan sariyan kavitavan bahut sohniya ne. Apne mamma vangu bahut talented ho tussi...keep up the good work.
ReplyDeletewith lots of love
tisjot