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Monday, September 6, 2010

As you........ਜਦ ਤੂੰ........जब तुम......

Birth/Death- Painting by Michael O' Brien





















As You.........

As you're born
Someone dies
As you cry
Someone smiles
As you bleed
Someone is healed
As you love
Someone will hate
As you believe
Someone will lose faith
As you die.....
Smile, because
Someone will be born !

Supreet Kaur Sandhu 
( Grade 6)

ਜਦ ਤੂੰ.......
ਜਦੋਂ ਤੂੰ ਜੰਮਿਆ
ਕੋਈ ਮੋਇਆ
ਜਦੋਂ ਤੂੰ ਹੱਸਿਆ
ਕੋਈ ਰੋਇਆ
ਜਦ ਤੂੰ ਸੱਟ ਖਾਧੀ
ਕਿਸੇ ਦਾ ਜ਼ਖਮ ਰਾਜ਼ੀ ਹੋਇਆ
ਜਦ ਤੂੰ ਪਾਵੇਂ ਮੋਹ ਦੀ ਤੰਦ
ਕੋਈ ਛੇੜੇ ਨਫ਼ਰਤ ਦੀ ਜੰਗ
ਜਦ ਤੂੰ ਕੀਤਾ ਸੀ ਵਿਸ਼ਵਾਸ
ਹੋ ਗਿਆ  ਕਿਸੇ ਨਾਲ਼ ਵਿਸ਼ਵਾਸਘਾਤ
ਤੂੰ ਹੱਸ ਕੇ ....
ਜਹਾਨੋਂ ਤੁਰਦਾ ਹੋਵੇਂ 
ਤਾਂ ਜੋ ......
ਕੋਈ ਹੋਰ ਪੈਦਾ ਹੋਵੇ !!!

ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਸੰਧੂ
ਜਮਾਤ: ਛੇਵੀਂ
ਅਨੁਵਾਦ : ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ

जब तुम.......

जब तुम पैदा हुए
कोई यहाँ  से जाए
जब तुम हँसे
कोई रोए
जब तुमने चोट खाई
किसी का घाव भर गया भाई
 जब तुमने प्यार का सुर छेड़ा
किसी ने नफ़रत का गोला फ़ोड़ा
जब तुमने किया भरोसा
किसी का उठ गया यकीन
तुम हँसकर....
इस जहान से हुए विदा
क्योंकि....
किसी और को होना है पैदा !!!!
सुप्रीत कौर संधु
कक्षा : छठी
अनुवाद : हरदीप कौर संधु

12 comments:

  1. तुम हँसकर....
    इस जहान् से हुए विदा
    क्योंकि....
    किसी और को होना है पैदा !!

    -गहरे भाव!

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  2. जीवन दर्शन की सरलतम शब्दों में सुंदर अभिव्यक्ति।

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  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...जीवन के श्वेत पक्ष के पीछे श्याम पक्ष भी छुपा रहता है ।

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  4. - बेटी सुप्रीत आपने तो अपनी कविता में गीता का पूरा दर्शन ही रख दिया । अभी से इतनी गम्भीर बातें ! गीता के दूसरे अध्याय में भी कहा है -‘जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृत्यस्य च।’ अर्थात् जिसका जन्म हुआ है ,उसकी मृत्यु निश्चित है और जिसकी मृत्यु हुई है उसका जन्म निश्चित है । आपने तो इसके साथ प्यार और नफ़रत को भी जोड़ दिया ।ईश्वर तुम्हारी सोच और भावना को इसी प्रकार आगे बढ़ाए ! यही मेरी हार्दिक अभिलाषा है ।
    सस्नेह
    रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

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  5. very good Supreet........it is the true picture of balance of negative and positive forces of this world. Very high level of thoughts.

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  6. पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए! मेरे अन्य ब्लोगों पर भी आपका स्वागत है!
    बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

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  7. Supreet,

    Jeevan Chakkar da tarruf karaandi eh chhoti jehi nazm vade anbhavaan naal bhari hoi hai, Isay tarahaan likhdey raho. Badhaayi. Supreet Beta main punjabi pad lenda haan per likhan nahin aandi puri tarahan, bhavish vich mein koshish karanga punjabi vich likhan di.

    Surinder Ratti
    Mumbai

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  8. वाह !!! जीवन का एक लाजवाब फलसफा

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  9. Supreet,
    Taniya and me read all the poem.They are soooooooo good.Your mum should be feeling so proud of you....She is a lucky mother to have a daugter like you.
    Congratulations Supreet !!!!

    Your poems are sooooooooooo great. I can't belive it.....
    You are so talented. I loved her poems.
    Love
    Taniya and Sherly

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  10. Beautiful sentiments Supreet. I am amazed by the depth of your thoughts. You have the ਚੰਗਿਆੜੀ to create something great in your life. May Waheguru bless your ਕਲਮ !

    Shine on!

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  11. very nice .....!!

    ਕਮਾਲ ਦਾ ਲਿਖਆ ਹੈ ਸੁਪ੍ਰੀਤ .....!!

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  12. Hey Supreet,
    thanks a ton for stopping by my blog and leaving a lovely comment. You are welcome always :)

    Your parents must be so proud of you for you are a gem and so talented.. I wrote my first poem when I was in 7th grade..you started even earlier. Great.

    And I love the fact that you wrote in all the 3 languages. Way to go girl! Keep it up..
    And do stop by more often and spread a bit of sunshine in my blog :)

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