I love the way you take my hand
and lead me through the rain
It's amazing how you make me laugh
so I don't feel the pain
A mother's love is
the strongest type
and.....
this you can't deny
Thank you for ...
always being my light
you are the perfect guide
I've never really thought about
how much " I love you" means
You've always found the time
to listens my highs, lows and betweens
I'll never truly understand
how you have the energy to care
There is no doubt ...
I'll always respect....
the joy you have to share !!!
Supreet Sandhu ( Grade 6)
ਮੈਂ ਧੰਨ ਹਾਂ ਮਾਂ
ਤੂੰ ਮੇਰੇ ਸਿਰ 'ਤੇ ਹੱਥ ਧਰਿਆ
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਝੱਖੜਾਂ-ਤੂਫ਼ਾਨਾਂ ਸੰਗ
ਨਜਿੱਠਣ ਦਾ ਹੱਲ ਘੜਿਆ
ਬਹੁਤ ਹੈਰਾਨ ਹਾਂ ਮੈਂ
ਕਿਵੇਂ ਤੂੰ........
ਮੇਰੇ ਮਨ 'ਚ ਲਾ ਦਿੰਦੀ
ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਵਹਿਣ.....
ਰੱਤੀ ਭਰ ਵੀ ਦਰਦ
ਨਾ ਦਿੰਦੀ ਤੂੰ ਮੈਨੂੰ ਸਹਿਣ
ਮਾਂ ਦਾ ਪਿਆਰ
ਹੁੰਦਾ ਸਦਾ-ਬਹਾਰ
ਕੋਈ ਕਿਵੇਂ ਕਰ ਸਕੇ
ਏਸ ਗੱਲੋਂ ਇਨਕਾਰ
ਧੰਨਵਾਦ....ਧੰਨਵਾਦ ਮਾਂ ਤੇਰਾ
ਤੂੰ ਬਣੀ ਚਾਨਣ ਮੁਨਾਰਾ ਮੇਰਾ
ਮੈਂ ਨਹੀਂ ਕਦੇ ਸੋਚਿਆ
' ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਪਿਆਰ ਕਰਦੀ ਹਾਂ'
ਇਹਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ 'ਚ ....
ਕਿੰਨਾ ਕੁ ਵਜ਼ਨ ਆ
ਮਾਂ ਤੇਰੇ ਕੋਲ਼ ਤਾਂ....
ਮੇਰੇ ਲਈ...
ਵਕਤ ਹੀ ਵਕਤ ਆ
ਤੂੰ ਮੇਰੀ ਹਰ ਗੱਲ ਸੁਣਦੀ
ਛੋਟੀ-ਵੱਡੀ ਹੋਵੇ....
ਚਾਹੇ ਹੋਵੇ ਕਿੰਨੀ ਵੀ ਬੇਤੁੱਕੀ
ਸੱਚ ਮੰਨੇ ਮੈਂ ਨੀ ਜਾਣਦੀ
ਐਨੀ ਸ਼ਕਤੀ ਤੈਨੂੰ ਕਿਥੋਂ ਮਿਲ਼ੀ
ਏਸ 'ਚ ਰੱਤੀ ਭਰ ਵੀ ਸ਼ੱਕ ਨੀ
ਮੇਰੇ ਦਿਲ 'ਚ ਸਦਾ
ਰਹੇਗਾ ਭਰਿਆ....
ਕਿੰਨਾ ਆਦਰ ਤੇ ਮਾਣ
ਓਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਲਈ
ਜੋ ਤੂੰ ਹੈ ਸਦਾ ਮੇਰੇ ਨਾਲ਼ ਵੰਡਦੀ !!!
ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਸੰਧੂ ( ਛੇਵੀਂ ਜਮਾਤ)
ਅਨੁਵਾਦ : ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ
मैं धन्य हूँ माँ
तुमने मेरे सिर ऊपर
रखकर हाथ......
ज़िन्दगी के तूफ़ानों संग
लड़ने का दिया समाधान
बहुत हूँ मैं हैरान.....
तुम मेरे मन में लगा देती
खुशियों का झरना
ज़रा भी दर्द न
देती मुझे सहन करना
माँ का प्यार
होता है सदा-बहार
कैसे कोई करे
इस बात से इन्कार
धन्यवाद...धन्यवाद माँ तेरा
बनी हो तुम.....
रौशनी का मीनार मेरा
मैने न सोचा कभी
'मैं तुम्हें प्यार करती हूँ'
इन शब्दों में
कितना वज़न है
कितना वज़न है
माँ तेरे पास तो....
मेरे लिए....
वक्त ही वक्त है
तू मेरी हर बात सुनती
छोटी-बड़ी हो... या
हो कितनी भी बेतुक्की
सच्च मानो....
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
इतनी शक्ति माँ ....
तुम्हें कहाँ से है मिली
ज़रा भी नहीं सन्देह
माँ मुझे इस बात से
मेरे दिल में रहेगी
यह श्रद्धा कितनी....
उन खुशियों के लिए
जो तू मेरे संग
रही सदा बाँटती !!!
रही सदा बाँटती !!!
सुप्रीत संधु ( कक्षा : छठी )
अनुवाद : हरदीप संधु
माँ है हरदीप तो होगी ही दीप स्तम्भ ( रौशनी की मीनार) , आने वाले हर तूफ़ान में भटकते यान पा जाते हैं सही मार्ग सिर्फ़ 'दीप स्तम्भ ' के सहारे ।बेटी सुप्रीत आपकी यह कविता आपकी पहले की सभी कविताओं का अगला पायदान है । मैं इस कविता पर अगले हफ़्ते अपने ब्लॉग में लिखूँगा । कोटिश:शुभकामनाएँ
ReplyDeleteSupreet,
ReplyDeleteMaa di ustat naal bhari eh kavita hai, Oh Maa hi hai duniya te jo har vele bacheya de dard nahin dekh sakdi, taiyon kenden ne "MAAVAAN THANDIYAAN CHHAVAAN" BADHAAYI.
Surinder Ratti
Mumbai
शुभकामनाएँ
ReplyDeleteIt is great Supreet .
ReplyDeleteमां के प्रति बेटी के उदगार , बहुत खूबसूरती से पेश किये हैं । शाबास बिटिया ।
Its great. Supreet has talents. God bless.
ReplyDeleteअरे वाह!
ReplyDeleteसुप्रीत संधु की कविता तो बहुत सुन्दर है!
--
इसकी चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/20.html
माँ तो माँ होती है...हमेशा ही अद्भुत!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रुप दिया है सच्चे भावों को. शाबास!
अरे वाह!
ReplyDeleteसुप्रीत की कविता तो बहुत सुन्दर है.यहाँ दिल्ली में वेकेशन शुरू हो गया है तो लो इस पर एक पोस्ट तुम्हे लिख रही हूँ
vacation
The best thing
God has given us,
Is the vacation
Long long never ending
Ever ending,
Is the vacition
Late nights,late mornings
Every where,
Is the vacation
Meeting time
with grand parents,great friends,
Is the vacation
No books no hooks
Total enjoyment,
Is the vacation
To share the sorrow
The books to borrow,
Is the vacation
On May which starts
On June which ends,
Is the vacation
Today when school reopened
I realised the reason for
All freshness and happiness,
Is the vacation
Supreet- This is precious! You are so talented....just like your mom!
ReplyDeleteਸਰਦ ਠੰਡੀਆਂ ਰਾਤਾਂ ਵਿਚ ਇਕ ਧੁੱਪ ਜਹੀ
ਸਿਖ਼ਰ ਦੁਪਹਿਰਾਂ ਵਿਚ ਬਣ ਜਾਵੇ ਇਕ ਰੁੱਖ ਜਹੀ
ਐਸੀ ਹੀ ਹੈ ਮੇਰੀ ਮਾਂ ਕਦੇ ਧੁੱਪ ਤੇ ਕਦੇ ਠੰਡੀ ਛਾਂ...
बहुत सुन्दर भाव के साथ शानदार रचना! बेहद पसंद आया! अंग्रेजी, पंजाबी और हिंदी तीनों में लिखी हुई कविता प्रशंग्सनीय है!
ReplyDeleteWow you have written so well here dear :) keep it up
ReplyDeleteਸੁਪ੍ਰੀਤ,ਬੇਟੇ ਤੁਸੀਂ ਮਾਂ ਬੇਟੀ ਦੇ ਮਹਾਨ ਰਿਸ਼ਤੇ ਬਾਰੇ ਲਿਖ ਕੇ ਇਸ ਦੀ ਮਹਾਨਤਾ ਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਸਹੀ ਪਛਾਣਿਆ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਛੋਟੀ ਉਮਰੇ ਹੀ ਕਮਾਲ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ।ਅੱਗੇ ਜਾ ਕੇ ਤੁਸੀਂ ਕੋਈ ਮਹਾਨ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਹੋ,ਪੱਕੀ ਗੱਲ ਹੈ।ਸਾਡੀਆਂ ਅਸ਼ੀਰਵਾਦਾਂ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਰਹਿਣਗੀਆਂ।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से अपने मन के भाव लिखे हैं माँ के प्रति ....
ReplyDeleteसुन्दर ..
बहुत ही सुंदर भाव व्यक्त कर रही है आपकी यह कविता ...अनुवाद भी सुंदर बन पड़ा है । सुप्रीत ऐसा ही सुंदर-सुंदर लिखती रहो ।
ReplyDeleteHi Supreet !!
ReplyDeletea wonderful,,,
wonderful,, great poem...
the explaination therein
is very convincing and articulate...
anything and everything
anywhere and everywhere written on/for 'mother'
is undoubtedly very very precious
and... you are fortunate to have such a
great wonderful mom..
and so is your mom ... !!
isnt it...??
on such your nice accomplishments
i wish to send my compliments
you do have twang of thoughtfulness
have great ideas with words less
C O N G R A T S
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण कविता----।
ReplyDeleteBeta Supreet you have done a wonderful job ! It is very beautiful poem on mother daughter relationship. Keep it up ! very good job !
ReplyDeleteIt is very beautiful and emotional poem.Your poem bring me into tears:)Such a nice poem.Keep it up!
ReplyDeleteसुप्रीत , बहुत-बहुत बधाई...पंजाबी तो मैं पढ़ नहीं सकती , पर हिन्दी और अंग्रेजी में तुम्हारी लेखनी मन को भा गई...। तुम जितनी छोटी बच्ची माँ के बारे में अभी से इतना सोचती-समझती है ...शाबाश...। वैसे भी बेटियाँ माँ के ज्यादा करीब भी होती हैं और उन्हें अच्छे से समझती भी हैं...। ऐसे ही उन्नति करती रहो , यही मेरी शुभकामना और मेरा आशीर्वाद...
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत सुंदर कविता है ,इतनी छोटी सी बिटिया और इतनी प्यारी बातें???
ReplyDeleteख़ूब लिखो ,लिखती रहो ,हम सब का आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ है
आपने तो बहुत ही प्यारी कविता लिखी है... दीदी...
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