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Friday, October 15, 2010

Your First Year......

Your First Year
You wake up in a room,
filled with strange colours.
Flashes of light
keep filling your eyes,
you cry.
A teddy bear is given to you,
you smile.
Without realising it
the first year of your life has gone
!
















Supreet Sandhu ( Grade 6 )

ਤੇਰਾ ਪਹਿਲਾ ਸਾਲ

ਏਸ ਦੁਨੀਆਂ ‘ਚ
ਖੋਲੀਆਂ ਜਦ ਤੂੰ ਅੱਖਾਂ
ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ
ਅਜਬ ਨਜ਼ਾਰੇ
ਤੇਜ਼ ਚਾਨਣ ‘ਚ
ਚੁੰਧਿਆਈਆਂ ਅੱਖਾਂ
ਤੇ ਤੂੰ ਰੋਇਆ......
ਤੈਨੂੰ ਦਿੱਤਾ....
ਇੱਕ ਨਰਮ ਖਿਲੌਣਾ
ਤੂੰ ਖਿੜ-ਖਿੜ ਹੱਸਿਆ
ਤੈਨੂੰ ਪਤਾ ਵੀ ਨਾ ਲੱਗਾ
ਕਦੋਂ ਤੇਰਾ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾ
ਅੱਖ ਦੇ ਫੋਰ ‘ਚ
ਔਹ ਗਿਆ....ਔਹ ਗਿਆ !!!
ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਸੰਧੂ ( ਛੇਵੀਂ ਜਮਾਤ) 
ਅਨੁਵਾਦ : ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ

तुम्हारा पहला वर्ष

इस दुनिया में
जब तुमने खोली आँखें
चारों तरफ
अजब नज़ारे
तेज़ रौशनी में
आँखें चुंधियाईं
और तुम रोए
तुझे दिया
एक नरम खिलौना
तुम खिल खिलाकर हँसे
तुझे पता भी न चला
कब तेरा साल पहला साल
आँख झपकते ही
वो गया ,वो गया ! 
सुप्रीत कौर सन्धु
कक्षा : छठी 
अनुवाद : हरदीप कौर सन्धु  



14 comments:

  1. ऐसे ही पलक झपकते समय निकल जाता है..सुन्दर!

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  2. सु्प्रीत!
    संसार इतना सुन्दर है कि तुमने आँखों में बसा लिया
    इसलिए आनन्द से बन्द आँखों में हर सुख छुपा लिया काम्बोज अंकल

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  3. so...
    it was on that morning
    when you received this attractive gift
    on your First B`day... !!??!!

    nice write .

    ReplyDelete
  4. वाह बेटा, छठीं कक्षा में इतना प्यारा..शाबास.

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  5. सुप्रीत बेटा आपकी यह कविता बहुत सुंदर बन पड़ी है. और अच्छे लेखन के लिए शुभकामनाएँ....खूब पढ़ो खूब बढ़ो

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  6. हार्दिक बधाई देता हूँ!
    --
    आपकी पोस्ट की चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
    http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/23.html

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  7. आप तो बहुत प्यारा लिखती हैं...अच्छा लगा यहाँ आकर. 'पाखी की दुनिया ' में भी आपका स्वागत है.

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  8. प्रिय सुप्रीत ,
    जितना अच्छा तुम अंग्रेजी में लिखती हो , उतना ही अच्छा अनुवाद उसका हिन्दी में भी होता है । एक बच्चे का पहला साल किस तरह पलक झपकते ही निकल जाता है , इसे तुमने अपनी बाल-बुद्धि से बहुत अच्छी तरह समझा है । मेरी शुभकामनाएँ...।

    प्रियंका आँटी

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  9. अरे वाह सुप्रीत! आप तो बहुत अच्छा लिखती हैं, बस ऐसे ही लिखती रहिये एक दिन आप मम्मी से भी आगे निकल जाएँगी ढेरों आशीष और शुभकामनायें

    मंजु

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  10. Supreet,
    Samay ki raftaar ko niharti yeh kavitaa pehla saal beet jaane ki baat karti, ek saal hi kyun pal pal karke sadiyaan beet jaati hain ...Bahut sunder ..... aur zindagi mein bhi humko kai khilono ka sahara lena padta hai .....
    Surinder Ratti
    Mumbai

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  11. आपको बहुत बहुत शुभकामनायें

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  12. बहुत सुन्दर लिखा है । ऐसे ही सारे साल गुजर जाते हैं । लेकिन हर पल को एन्जॉय करना चाहिए ।

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  13. BEAUTIFUL IS THE POEM
    N
    BEAUTIFUL IS OUR CUTE SUPREET
    KEEP IT UP...


    HARMAN MASSI

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  14. Fantastic:)Such a nice poem:)

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