It's her Birthday. She is turning 12 today.
What a great pleasure it is again to wish her a very happy birthday!
She is getting a very special gift........
Her first published Poetry Book ...." The sky is limitless"
Tears of joy welled in her eyes when Supreet got this book in her hands this morning.
About the book:
For Supreet's school assignment - a Personal Interest Project - students of grade 6 have to choose any thing of their personal interest. Supreet had chosen to write poems. She wrote about 50 short & long poems and haikus altogether. Her poems are about the nature, season, pollution, human relations and few poems are based on her imagination.This book is published in 2011 by selecting 26 poems . This book is in three languages- English, Punjabi and Hindi. The poems are written in English and translated in Hindi and Punjabi by me (Hardeep Sandhu ). The book has been published with the assistance of Rameshwar Kamboj Himanshu - editor, Laghukatha.com and Hindi Haiku.
लेखिका के बारे में जानकारी...
सुप्रीत का जन्म पंजाब के बरनाला जिले में २ मार्च १९९९ को हुआ ! जब वह चार वर्ष की थी ,तब सिडनी आ गई !उस समय वह के जी में पढ़ती थी! अब सुप्रीत सातवीं कक्षा की छात्रा है!
सुप्रीत ने घर में ही पंजाबी व हिन्दी भाषा पढ़नी सीखी !बच्चों की हाइकु पुस्तक ' हरे-हरे तारे ' ने सुप्रीत को बहुत प्रभावित किया !मम्मा ने उस की लेखनी को तराशा !पापा ने हलाशेरी दी !बडे भइया ने बहुत बढ़िया कहकर उत्साह बढ़ाया!
आज जब सुप्रीत को मैने यह पुस्तक दी ....उस की आँखों में खुशी के आँसू छलक पडे !
With love
Hardeep K Sandhu
सबसे पहले सुप्रीत बिटिया को जन्मदिन की बधाई. माँ ने जो उपहार दिया उसके लिए जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. रचनात्मकता को लिए इससे बढ़िया और प्यारा प्रोत्साहन और क्या होगा. सो माँ और बिटिया दोनों को लाख-लाख बधाइयाँ. और हमारी मिठाइयाँ....हाइकु....जल्दी भेजना.
ReplyDeleteHappy Birthday and congratulations!
ReplyDeletewow...!!! great news...
ReplyDeleteसबसे पहले बेटी सुप्रीत को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...। ईश्वर करे उम्र के साथ उसका लेखन और पुस्तकों, दोनो की संख्या बढ़ती जाए...।
बचपन में ही अपनी पहली पुस्तक हाथों में आने पर जो खुशी होती है, उसका अहसास मुझे है...। उसने मुझे मेरा बचपन याद दिला दिया...।
मेरी ढेर सारी बधाई...।
प्रियंका गुप्ता
many many HAPPY RETURNS of the DAY
ReplyDeleteH A P P Y B I R T H D A Y
no any other gift is more important
than what you got early in the morning
GOD BLESS !!
प्रिय सुप्रीत,
ReplyDeleteजन्मदिन और तुम्हारी पहली पुस्तक के प्रकाशन, दोनो के लिए मेरी बहुत बधाई और आशीर्वाद ।
ईश्वर से तुम्हारे स्वस्थ और सफ़ल भविष्य की कामना है ।
सस्नेह,
प्रेम गुप्ता ‘मानी’
तारों-भरा आसमान
ReplyDeleteहर घर-आंगन की शान
होती हैं बेटियाँ ।
कोयल की मीठी तान
प्रभात का पावन गान
होती हैं बेटियाँ ।
सुप्रीत बेटी चाँद-सी
जीवन में मुस्कराए ।
आज के दिवस हमारी
करोड़ों तुम्हें दुआएँ ।
-शुभाकांक्षी- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
Happy Birth Day Supreet di...... and Congratulations
ReplyDelete@ Bhart Bhushan uncle....
ReplyDelete@ Sandeep aunty....
@ Danish uncle
@ Priyanka aunty
@ Prem aunty
@ Chatenya
Thanks a lot for your nice words.!
and
@ Rameshvar uncle,
It is really nice that you dedicated this lovely poem to me.
I feel really touched.
To say only thanks is not enough for this poem.
Supreet
Hi Supreet Dear
ReplyDeleteWish a very blessed B'day for you.
Teri Niki Jahi Maasi Valon Dehr Sarii Subh Kamnava
Baby Maasii
Supreet,
ReplyDeleteHAPPY BIRTH DAY TO YOU and congratulation for your first poetry book.
Surinder Ratti
Mumbai
ਸੁਪ੍ਰੀਤ ਬੇਟੇ,
ReplyDeleteਜਨਮ ਦਿਨ ਮੁਬਾਰਕ !
ਲੈ ਬਈ ਤੂੰ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸੋਹਣਾ ਤੇ ਵੱਡਾ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਕਰ ਦਿੱਤਾ....
ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਦੀ ਕਿਤਾਬ ਛਾਪਕੇ !
ਆਵਦੀ ਮੰਮਾ ਨੂੰ ਵੀ ਪਿੱਛੇ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ !!!
ਤੇਰਾ ਇਨਾਮ ....ਜੋ ਤੈਨੂੰ ਪਸੰਦ ਹੋਵੇ...ਜਦ ਬਰਨਾਲ਼ੇ ਆਏਂਗੀ ..ਲੈ ਲਵੀਂ ।
ਬਹੁਤ ਹੀ ਪਿਆਰ ਨਾਲ਼
ਤੇਰੀ ਨਾਨੀ ਮਾਂ ਤੇ
ਮਾਮੇ/ਮਾਮੀਆਂ
ਜਸਲੀਨ,ਮਨਕਰਨ
ਰੌਸ਼ਮੀਤ, ਸਵਰੀਤ
सुप्रीत को ....
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ਜਨਮ ਦਿਨ ਮੁਬਾਰਕ ....
HAPPY BIRTH DAY TO YOU...
Congratulation for your first poetry book.
Where is my Cake...?
Belated happy B'day Supreet.Very well done n God bless you!!!
ReplyDeleteप्रिय सुप्रीत,
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की शत-शत शुभकामनायें !!
देर से आने के लिए क्षमा चाहती हूँ. मम्मी ने आपको बहुत प्यारा तोहफा दिया है.
इस नन्ही सी उम्र में एक किताब की लेखिका बन पाने का अहसास किसी भी वर्णन से परे है. आपने इतनी सी उम्र में जिस ऊंचाई को छुआ है उसके बाद आपके बड़ों की ऊँचाइयाँ बहुत नीची लगने लगी हैं. ईश्वर करे ऐसे ही आप ज़िंदगी में एक के बाद एक सोपान तय करते हुये अनंत आकाश की ऊंचाइयों तक पहुंचे और सचमुच आपका "स्काई लिमिटलेस"हो.
तुम भोर का सूरज !
अभी तो कई पहर तक
तुम्हारी उजास, दुनिया को
रोशन करेगी !!!.
मंजु
प्रिय सुप्रीत,
ReplyDeleteरंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !